धीरेंद्र शास्त्री का जातिवाद पर बयान: देश में होनी चाहिए सिर्फ 2 ही जातियां
1. धीरेंद्र शास्त्री का जातिवाद पर बयान
बागेश्वर धाम के प्रमुख और प्रसिद्ध धार्मिक गुरु धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में जातिवाद पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उनका कहना है कि जातिवाद देश में असमानताओं को जन्म देता है, जो देश की प्रगति को बाधित करता है। उनका कहना था कि देश में केवल दो जाति होनी चाहिए: गरीब और अमीर। उन्होंने कहा कि जातिगत भेदभाव की जगह आर्थिक असमानता पर ध्यान देना चाहिए।
2. धीरेंद्र शास्त्री की दो जातियों की परिभाषा
शास्त्री जी ने जातियों को उनकी आर्थिक स्थिति पर आधारित किया। उनका मानना है कि समाज को जातिवाद या ऊंच-नीच के आधार पर नहीं बांटा जाना चाहिए; बजाय इसके, लोगों को उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर वर्गीकरण करना चाहिए। यह कहते हुए, उन्होंने कहा कि देश में केवल दो जातियाँ होनी चाहिए:
- वंचित: जो जीवन यापन के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं रखते हैं
- Amir: जो लोगों के पास पर्याप्त धन और संसाधन हैं
3. जातिगत भेदभाव को खत्म करने की मांग
धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि जातिगत भेदभाव को समाप्त करना आज की आवश्यकता है। उनका कहना था कि समाज में समरसता आ सकती है अगर सभी लोग जातिगत भेदभाव को छोड़कर समान सोचते हैं। उनका कहना था कि जातिगत भेदभाव समाज के विकास में एक बड़ी बाधा है।
4. समान अधिकारों और अवसरों पर प्रभाव
धीरेंद्र शास्त्री का जातिवाद पर बयान:
धीरेंद्र शास्त्री ने भी कहा कि समाज में हर व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी भेदभाव (जाति, धर्म, लिंग या अन्य) के बिना सभी नागरिकों को समान सम्मान और अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम कर सकते हैं अगर सभी को समान अवसर और अधिकार मिलें।
5. समाज में सुधार का सन्देश
धीरेंद्र शास्त्री के समर्थकों ने उनके इस बयान को एक सुधार के रूप में देखा। उनका विचार है कि जातिवाद जैसे पुराने विचारों को त्यागकर समान और समृद्ध समाज बनाना चाहिए। उसकी घोषणा पर कुछ बहस हुई, लेकिन अधिकांश लोग इसे जातिवाद के खिलाफ एक सकारात्मक कदम मानते हैं।
6. धीरेन्द्र शास्त्री का भविष्य के लिए दृष्टिकोण:
धीरेन्द्र शास्त्री का मानना है कि समाज के प्रत्येक सदस्य को अपने विचारों और क्रियाओं का मूल्यांकन करना चाहिए। जातिगत भेदभाव को दूर करना आसान होगा अगर कोई व्यक्ति अपने कार्यों से समाज को बेहतर बना सकता है। उन्होंने जातिगत भेदभाव को त्यागने और समाज को एकजुट होकर आगे बढ़ने का संदेश दिया।